जन्मकुंडली में कई ऐसे योग होते हैं जिनकी वजह से कोई भी पुरुष या स्त्री विवाह की खुशी से वंचित रह सकते हैं….कई बार ये रूकावट बाहरी बाधाओं की वजह से भी आती हैं। उम्र लगातार बढती जाती है और लाख प्रयास के बाद भी रिश्ते बन नहीं पाते हैं या मनचाहे रिश्तों का तो जैसे आकाल ही पड़ जाता है इस प्रकार की स्थिति होने पर शीघ्र विवाह के उपाय करने में समझदारी रहती है। इन उपाय को करने से शीघ्र विवाह के मार्ग बनते है, तथा विवाह मार्ग की समस्त बाधाएं दूर होती है।
जन्म कुंडली में यदि कहीं भी शनि-सूर्य की युति है, एक-दूसरे पर दृष्टि है अथवा डिग्री (पांच डिग्री तक का दोनों में अंतर) में युति है तो ऐसे जातक में जैविक ऊर्जा की कमी होती है। ये दोनों आमने-सामने हों तो शुक्र की बलि ले लेते हैं। इसका आशय यही है कि दांपत्य जीवन का अभाव पैदा करते हैं। देखा गया है कि ऐसे जातकों की शादी बहुत विंलब से होती है अथवा होती ही नहीं है और शादी बाद भी कष्ट बना रहता है।